दिल्ली पुलिस की सतर्कता: अवैध बांग्लादेशी प्रवासी गिरफ्तार, पुन: देश निकाला की प्रक्रिया शुरू
1 min readस्वदेश प्रेम/दिल्ली
दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों की पहचान और कार्रवाई के लिए दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया है। यह व्यक्ति मोहम्मद अक्कास अली उर्फ आकाश (32 वर्ष) है, जो बांग्लादेश के जेस्सोर जिले के रहने वाले हैं। यह पहले भी दो बार 2012 और 2016 में निर्वासित किया जा चुका है, लेकिन 2023 में अवैध रूप से फिर से भारत में प्रवेश कर दिल्ली में छिपकर रह रहा था।
अभियान और गिरफ्तारी की प्रक्रिया
अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाने के लिए दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस ने आर.के. पुरम क्षेत्र में सत्यापन अभियान शुरू किया। इस अभियान के तहत इंस्पेक्टर रविंद्र कुमार त्यागी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इसमें एसआई रोहित, एचसी अशोक, कांस्टेबल तरुण समेत अन्य अधिकारी शामिल थे। एसीपी वसंत विहार, डॉ. गरिमा तिवारी के पर्यवेक्षण में इस टीम ने दिन-रात गश्त और खुफिया जानकारी जुटाने का काम किया।
6 जनवरी 2025 को पुलिस को सूचना मिली कि एक संदिग्ध व्यक्ति आर.के. पुरम के सेक्टर-6 के एकता विहार क्षेत्र में किराए पर कमरा ढूंढ रहा है। सूचना मिलते ही टीम ने कार्रवाई की और संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान उसने खुद को कोलकाता, पश्चिम बंगाल का निवासी बताया, लेकिन मोबाइल फोन में मौजूद जानकारी और गहन पूछताछ से उसकी असली पहचान सामने आई। वह मोहम्मद अक्कास अली उर्फ आकाश निकला, जो बांग्लादेश का नागरिक है।
अवैध रूप से भारत में प्रवेश और गतिविधियां
अक्कास अली ने खुलासा किया कि उसका गांव बांग्लादेश-भारत सीमा के पास स्थित है। वहां दलाल 6,000 से 10,000 रुपये लेकर रात में सीमा पर लगे तार काटकर अवैध प्रवेश कराते हैं। वह 2015 और 2023 में इसी तरीके से भारत में दाखिल हुआ। वह दिल्ली के धोलक बस्ती, काला महल, शास्त्री पार्क, और कपासेड़ा जैसे क्षेत्रों में काम करता रहा। पहचान छुपाने के लिए उसने अपना नाम “आकाश” रखा और विभिन्न जगहों पर छोटी-मोटी नौकरियां की।
बरामदगी और कानूनी कार्रवाई
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके मोबाइल फोन और बांग्लादेश के राष्ट्रीय पहचान पत्र की कॉपी बरामद की। पूरी जांच और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद, उसे विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) की मदद से दोबारा बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई।
पुलिस की सतर्कता और सामुदायिक विश्वास
इस अभियान ने पुलिस की सतर्कता और अवैध गतिविधियों के प्रति उनकी “जीरो टॉलरेंस” नीति को दर्शाया है। यह कार्रवाई न केवल क्षेत्र की सुरक्षा को बढ़ाएगी, बल्कि आम जनता का कानून व्यवस्था में विश्वास भी मजबूत करेगी।
दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस की इस पहल के लिए सराहना की जा रही है। पुलिस अब अन्य अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए भी सक्रिय प्रयास कर रही है