रेडी-पटरी और अवैध वाहनों का आतंक: खजूरी चौक की जनता की आवाज कब सुनी जाएगी?
1 min readराजधानी दिल्ली के खजूरी चौक (वार्ड नंबर 246) में रेडी-पटरी वालों, अवैध फटफट वाहनों और यूपी-14 नंबर प्लेट वाले ऑटो रिक्शा के आतंक से स्थानीय जनता बुरी तरह परेशान है। ये गतिविधियां न केवल जनता के लिए असुविधा का कारण बन रही हैं, बल्कि यातायात व्यवस्था को भी बुरी तरह से प्रभावित कर रही हैं।
मुख्य समस्याएं:
1.ट्रैफिक जाम का बड़ा कारण:
खजूरी चौक पर रेडी-पटरी वालों द्वारा सड़क के बड़े हिस्से पर अतिक्रमण कर लिया गया है, जिससे हर समय जाम लगा रहता है। यह समस्या सिर्फ वाहनों तक सीमित नहीं है, बल्कि पैदल चलने वालों को भी अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पार करनी पड़ती है।
2.अवैध वाहनों की भरमार:
यूपी-14 नंबर प्लेट वाले फटफट वाहनों और अन्य अवैध ईको वाहनों का संचालन बिना किसी रोक-टोक के जारी है। ट्रैफिक पुलिस की अनदेखी और प्रशासन की लापरवाही इन वाहनों के संचालन को बढ़ावा दे रही है।
3.दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी:
सड़क पर अव्यवस्था के कारण क्षेत्र में दुर्घटनाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कई बार एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को भी ट्रैफिक जाम की वजह से भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
जनता की मांग:
खजूरी चौक की जनता और स्थानीय संगठन “स्वदेश प्रेम राष्ट्रीय समाचार पत्र” ने संबंधित विभागों और अधिकारियों से मांग की है कि:
•रेडी-पटरी वालों को तुरंत हटाया जाए।
•यूपी-14 नंबर के अवैध वाहनों और फटफट सेवाओं पर रोक लगाई जाए।
•यातायात नियमों को लागू करने में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
•क्षेत्र में नियमित ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
प्रशासन की जिम्मेदारी:
यह दिल्ली पुलिस, एमसीडी, ट्रैफिक पुलिस और डीडीए की संयुक्त जिम्मेदारी है कि खजूरी चौक को अव्यवस्था और अराजकता से मुक्त कर जनता को राहत दी जाए।
संपादकीय टिप्पणी:
खजूरी चौक में बढ़ते अराजकता के माहौल को देखते हुए यह सवाल उठता है कि आखिर कब तक जनता इस तरह की समस्याओं का सामना करती रहेगी? सरकार और प्रशासन को इस गंभीर स्थिति पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह बनाना चाहिए।
“स्वदेश प्रेम राष्ट्रीय समाचार पत्र” जनता की आवाज बनकर इस मुद्दे को उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। अब देखना यह है कि संबंधित विभाग इस पर कब कार्रवाई करते हैं।
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