एक देश, एक चुनाव से पहले लागू हो समान शिक्षा नीति: लोक समाज पार्टी
1 min readनई दिल्ली, 16 दिसंबर
लोक समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर शर्मा (एडवोकेट) ने आज पार्टी कार्यालय सोनिया विहार में आयोजित एक प्रेस वार्ता में केंद्र सरकार से मांग की कि “एक देश, एक चुनाव” लागू करने से पहले पूरे देश में “एक समान शिक्षा नीति” को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना देश के विकास की कल्पना अधूरी है और समान शिक्षा नीति लागू करना समय की जरूरत है।
शर्मा ने कहा कि भारत सरकार पिछले एक साल से “एक देश, एक चुनाव” की तैयारी कर रही है और इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन भी किया गया था। कमेटी की सिफारिश के आधार पर सरकार शीतकालीन सत्र में “एक देश, एक चुनाव” के लिए विधेयक पेश करने जा रही है। लेकिन, लोक समाज पार्टी का मानना है कि इससे पहले शिक्षा के क्षेत्र में समानता लाना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि 2010 में भारतीय संविधान में अनुच्छेद 21ए जोड़ा गया था, जिसके तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया। साथ ही, अनुच्छेद 14 में समानता और समान अवसर का अधिकार भी दिया गया। लेकिन, आजादी के 75 साल बाद भी देश में शिक्षा के क्षेत्र में समानता लागू नहीं हो पाई है।
शिक्षा का व्यवसायीकरण और असमानता
गौरी शंकर शर्मा ने कहा कि पिछले तीन दशकों में शिक्षा का व्यवसायीकरण हुआ है। काले धन के माध्यम से बड़े उद्योगपतियों, नेताओं और नौकरशाहों ने स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों पर कब्जा कर लिया है। सरकारों ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी भागीदारी कम कर दी, जिससे दोहरी शिक्षा प्रणाली का उदय हुआ। गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों के लिए सरकारी स्कूल, जहां मिड-डे मील जैसी योजनाओं पर अधिक जोर है, वहीं संपन्न परिवारों के बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूलों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध है। यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
2047 तक विकसित भारत का सपना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के सपने पर टिप्पणी करते हुए शर्मा ने कहा कि यह तभी संभव है, जब पूरे देश में समान शिक्षा नीति लागू हो। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह गरीब बच्चों को केवल “कारीगर” बनाने की योजना है। शिक्षा का उद्देश्य सभी बच्चों को समान अवसर देना होना चाहिए, न कि उन्हें अलग-अलग वर्गों में बांटना।
लोक समाज पार्टी की मांग
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बचन सिंह करौतिया ने भी समान शिक्षा नीति पर जोर देते हुए कहा कि यदि शिक्षा प्रणाली को सुधारने के प्रयास नहीं किए गए, तो देश का विकास केवल एक कल्पना बनकर रह जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि महंगे चुनावों ने राजनीति को केवल संपन्न परिवारों तक सीमित कर दिया है।
लोक समाज पार्टी ने “एक देश, एक चुनाव” की चर्चा से पहले “एक देश, एक समान शिक्षा नीति” लागू करने की मांग करते हुए सरकार से इसे प्राथमिकता देने का आग्रह किया। पार्टी का मानना है कि समान शिक्षा नीति से ही देश में वास्तविक समानता और विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।