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नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में अवैध गैस रिफिलिंग का बड़ा खेल: जनता का शोषण और विभागीय मिलीभगत

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जानिए ,कौन ठग रहा है एलपीजी उपभोक्ताओं को ?

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नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में अवैध गैस रिफिलिंग का बड़ा खेल: जनता का शोषण और विभागीय मिलीभगत

दिल्ली, 26 नवंबर 2024

स्वदेश प्रेम ,सावांदाता

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के कई इलाकों में अवैध गैस रिफिलिंग का गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है। यह न केवल उपभोक्ताओं के अधिकारों और सुरक्षा पर हमला है, बल्कि संबंधित विभागों और प्रशासन की चुप्पी इसे और गंभीर बना रही है। यह मामला अब सामाजिक और सुरक्षा के लिहाज से बड़ा संकट बन चुका है।

कौन हैं जिम्मेदार?

जांच में खुलासा हुआ है कि मनवीर, रेनबो और विराट (भारत) जैसी बड़ी गैस एजेंसियां इस अवैध काम में शामिल हैं। इनके गोदामों में सिलेंडर से 2-3 किलो गैस निकालकर अवैध रूप से साइकिल, मोटर साइकिल और छोटे वाहनों के जरिए आसपास के इलाकों में सप्लाई की जाती है।

इन कार्यों में एजेंसी के डिस्ट्रीब्यूटर, ठेकेदार, सप्लायर्स और गोदाम प्रबंधक तक की मिलीभगत उजागर हुई है। सिलेंडर सील कर दिए जाते हैं ताकि उपभोक्ता को धोखा दिया जा सके। इस कृत्य से उपभोक्ता को आर्थिक हानि और बड़ा सुरक्षा खतरा दोनों झेलना पड़ता है।

अवैध गैस रिफिलिंग का खतरा

अवैध गैस रिफिलिंग का यह खेल केवल उपभोक्ताओं की जेब पर डाका नहीं डालता, बल्कि बड़ी दुर्घटनाओं को न्योता देता है। अवैध उपकरणों और असुरक्षित तरीकों से गैस रिफिलिंग कभी भी विस्फोट का कारण बन सकती है।

स्थानीय निवासी ललिता देवी  (बदला हुआ नाम) ने कहा:
“सिलेंडर समय से पहले खत्म हो जाता है। जब इसे तौलवाया तो पता चला कि इसमें गैस कम है। शिकायत करने पर एजेंसी ने धमकी दी कि हमारी आपूर्ति बंद कर दी जाएगी।”

पुलिस और विभागों की चुप्पी

अब तक कई बार प्रमुख समाचार पत्रों और चैनलों ने इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन विभागों और पुलिस की चुप्पी अब संदेह के घेरे में है। स्थानीय निवासी किरण देवी ने कहा:
“पहले भी हमने शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा डिस्ट्रीब्यूटर ने धमकियां दीं कि शिकायत करेंगे तो अंजाम भुगतना पड़ेगा।”

सामाजिक संगठनों की मांग

सामाजिक संगठनों और नागरिकों का मानना है कि यह संगठित घोटाला है, जिसमें विभागीय अधिकारियों की भी मिलीभगत है।

कार्रवाई की मांग

स्वदेश प्रेम, राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र, निम्नलिखित मांगें करता है:
1. उच्चस्तरीय जांच: इस पूरे घोटाले की स्वतंत्र जांच कर दोषियों को सजा दी जाए।
2. अधिकारियों की जवाबदेही: विभागीय अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के लिए जिम्मेदारी तय की जाए।
3. गोदामों की सख्त जांच: सभी गैस एजेंसियों के गोदामों की नियमित जांच की जाए।
4. सप्लायर्स पर कार्रवाई: साइकिल, मोटर साइकिल और अन्य वाहनों से अवैध गैस सप्लाई करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
5. जनजागृति अभियान: जनता को इस मुद्दे पर जागरूक किया जाए और शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

पेट्रोलियम मंत्रालय से अपील

यह घोटाला केंद्र सरकार और पेट्रोलियम मंत्रालय के संज्ञान में लाना अत्यावश्यक है। मंत्रालय को इस मामले पर तत्काल कदम उठाने चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।

समाज की जिम्मेदारी

सामाजिक संगठनों और नागरिकों को इस मुद्दे पर आवाज बुलंद करनी चाहिए। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस और संबंधित विभाग को दें। जनता को जागरूक और सतर्क रहना होगा ताकि ऐसे घोटालों पर काबू पाया जा सके।

निष्कर्ष

अवैध गैस रिफिलिंग का यह खेल सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं है, बल्कि यह लाखों लोगों की जिंदगी और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। इसे रोकने के लिए न केवल प्रशासन, बल्कि जनता को भी जागरूक और सक्रिय होना पड़ेगा। दोषियों पर कार्रवाई करके ही इस खतरे को खत्म किया जा सकता है।

रिपोर्ट: स्वदेश प्रेम, सावांदाता

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