कांग्रेस की पहली सूची: पुराने चेहरों और नए दांव से तैयार रणनीति
1 min readस्वदेश प्रेम, अतीक अशरफी
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें अनुभव और युवा ऊर्जा का मिश्रण साफ दिखाई देता है। प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव के बादली सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा ने सूची को मजबूत शुरुआत दी है। यादव पहले भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं और कांग्रेस की ओर से उनके लिए बड़ी उम्मीदें हैं।
दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में चर्चा गरम है कि अगर नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ते हैं, तो उनके सामने कांग्रेस से संदीप दीक्षित उतरेंगे। संदीप दीक्षित, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे, पहले भी 2004 और 2009 में पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। उनका नाम दिल्ली की राजनीति में काफी प्रभावशाली माना जाता है।
मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश
सीलमपुर जैसे मुस्लिम बहुल क्षेत्र में कांग्रेस ने अब्दुल रहमान को टिकट दिया है। हाल ही में उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था। यह दांव पार्टी को सीलमपुर में मजबूत स्थिति में लाने का प्रयास है। वहीं, बल्लीमारान से हारून यूसुफ और मुस्तफाबाद से अली मेहंदी फिर से कांग्रेस के लिए मैदान में हैं। इन सीटों पर मुस्लिम समुदाय की मजबूत पकड़ को कांग्रेस अपने पक्ष में करना चाहती है।
अनुभवी चेहरों पर भरोसा
सुल्तानपुर माजरा की सुरक्षित सीट से जय किशन को उतारा गया है, जो पहले चार बार इस सीट से जीत चुके हैं। ऐसे ही, सदर बाजार से अनिल भारद्वाज और तिलक नगर से पीएस बावा जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी मौका दिया गया है।
युवा और तेजतर्रार उम्मीदवारों को मौका
कांग्रेस ने इस बार युवा और तेजतर्रार चेहरों को भी प्राथमिकता दी है। वजीरपुर से पार्टी की प्रवक्ता रागिनी नायक और द्वारका से आदर्श शास्त्री को टिकट दिया गया है। आदर्श शास्त्री, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के परिवार से आते हैं और तकनीकी एवं राजनीति में उनकी गहरी समझ है।
जाट और अन्य समुदायों पर फोकस
नांगलोई जाट से रोहित चौधरी को टिकट दिया गया है, जो जाट समुदाय के लिए कांग्रेस का मजबूत चेहरा माने जा रहे हैं। वहीं, कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त और ग्रेटर कैलाश से गरवित सिंघवी को उतारा गया है।
कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की सूची में अनुभवी नेताओं और नए चेहरों का तालमेल बिठाने की कोशिश की है। मुस्लिम, दलित, और जाट समुदायों को साधने के साथ-साथ युवा नेतृत्व को प्राथमिकता देकर पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह हर वर्ग और क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है।
इस सूची के साथ कांग्रेस ने चुनावी जंग का बिगुल बजा दिया है। अब देखना यह होगा कि पार्टी की यह रणनीति जनता के दिलों को जीत पाती है या नहीं।