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दिल्ली मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना: लाभ और चुनौतियाँ

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स्वदेश प्रेम,17 दिसंबर 2024

 

दिल्ली सरकार की मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक सहायता के उद्देश्य से शुरू की गई है, ने हाल ही में जबरदस्त चर्चा पैदा की है। इस योजना के तहत दिल्ली की 18 से 60 वर्ष की महिलाओं को आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 3 लाख रुपये से कम है और जो पिछले 5 साल से दिल्ली में रह रही हैं। हालांकि, इस योजना के लाभार्थियों का चयन कुछ खास शर्तों पर आधारित है, और इसमें कई मुद्दों और चिंताओं की परतें भी खुलकर सामने आई हैं।

योजना के लाभार्थी

मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना का लाभ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा, जो निम्नलिखित शर्तों पर खरे उतरते हैं:

1.आयुसीमा: महिलाकाउम्र 18 से 60 वर्षकेबीचहोनाचाहिए।

2.निवासशर्त: महिलाकोपिछले 5 सालोंसेदिल्लीमेंरहनाआवश्यकहै।

3.पारिवारिकआय: महिलाकेपरिवारकीसालानाआय 3 लाखरुपयेसेकमहोनीचाहिए।

इसके तहत योग्य महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। हालाँकि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस राशि को बढ़ाकर 2100 रुपये प्रति माह कर दिया है, जिससे यह योजना और भी आकर्षक बन गई है।

योजना के संभावित प्रभाव

हालाँकि यह योजना महिलाओं को आर्थिक सहायता देने का एक अच्छा प्रयास प्रतीत होती है, लेकिन इसके साथ कुछ गंभीर चिंताएँ भी जुड़ी हुई हैं। प्रमुख चिंता यह है कि इस योजना के कारण महिलाओं की श्रम भागीदारी में कमी आ सकती है। जब महिलाओं को घर बैठे ही एक निश्चित आय मिलने लगेगी, तो वे बाहर काम करने से हिचक सकती हैं, जो श्रमिक शक्ति में कमी का कारण बन सकता है। यह स्थिति विशेष रूप से तब उत्पन्न हो सकती है जब महिला का पति एक अकुशल श्रमिक हो और परिवार की कुल आय 36,132 रुपये तक पहुँचती है, जिससे महिला इस योजना के दायरे से बाहर हो जाएगी।

इसके अलावा, दिल्ली में अनस्किल्ड लेबर की न्यूनतम मजदूरी अब 18,066 रुपये हो गई है। ऐसे में, यदि दोनों पति-पत्नी अकुशल श्रमिक हैं और उनका संयुक्त वेतन 36,132 रुपये प्रति माह है, तो उनकी वार्षिक आय 4.33 लाख रुपये तक पहुँच जाएगी, जिससे वे इस योजना से बाहर हो जाएंगे। इस स्थिति में, परिवार के सदस्य महिला को घर पर रहने और इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, जो महिला श्रम भागीदारी को और घटा सकता है।

वित्तीय दबाव

दिल्ली सरकार को इस योजना को लागू करने में भारी वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ सकता है। महिला एवं बाल विकास विभाग का अनुमान है कि इस योजना के तहत लगभग 38 लाख महिलाएं आ सकती हैं, जो एक बहुत बड़ी संख्या है। इससे सरकार को बड़े पैमाने पर बजट की व्यवस्था करनी होगी। दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने भी इस योजना को लेकर चिंता जताई है, क्योंकि इसे लागू करने के लिए दिल्ली सरकार को NSSF (National Social Security Fund) से 4,500 करोड़ रुपये तक का कर्ज लेना पड़ सकता है। ऐसे में, अगर सरकार इस कर्ज को नहीं चुका पाती, तो दिल्ली सरकार की वित्तीय शक्तियां राष्ट्रपति के पास जा सकती हैं, जो एक गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना एक सकारात्मक कदम हो सकता है, जो दिल्ली की महिलाओं को सशक्त बनाएगा और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। हालांकि, इसे लागू करने में आने वाली वित्तीय चुनौतियां और इसकी सामाजिक प्रभावों की अनदेखी नहीं की जा सकती। दिल्ली सरकार को इन पहलुओं पर गंभीरता से विचार करना होगा ताकि योजना का लाभ वास्तविक रूप से महिलाओं तक पहुँच सके और इसके नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके।

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