अंधे कत्ल का मामला: थाना हर्ष विहार पुलिस की सतर्कता ने खोला गुनाह का राज, पांच आरोपी गिरफ्तार
1 min readस्वदेश प्रेम, सावांदाता
दिल्ली के हर्ष विहार इलाके में हुए अंधे कत्ल का मामला पुलिस की सक्रियता और सूझबूझ के चलते महज कुछ ही घंटों में सुलझा लिया गया। इस केस में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और अपराध में इस्तेमाल किया गया हथियार भी बरामद कर लिया गया है।
घटना का विवरण :
25 नवंबर 2024 को हर्ष विहार थाने में डीडी नंबर 122A के तहत एक पीसीआर कॉल दर्ज हुई। कॉल करने वाले ने सूचना दी कि “यहां एक लड़का मरा पड़ा है और उसके सिर से बहुत खून बह रहा है।” इस कॉल को एएसआई बुधपाल को सौंपा गया, जो तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। वहां एक अज्ञात युवक मृत अवस्था में मिला, जिसकी उम्र 25-30 साल के बीच थी। जांच के दौरान मृतक की पहचान अजय (उम्र 41 वर्ष) निवासी हर्ष विहार के रूप में की गई। मृतक के शरीर पर चोट के कई निशान पाए गए। शव को जीटीबी अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया गया और एफआईआर नंबर 639/2024 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।
जांच प्रक्रिया और टीम की सराहनीय भूमिका :
इस जघन्य हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए इंस्पेक्टर राजीव कुमार वत्स (एसएचओ/हर्ष विहार) के नेतृत्व में और श्री जसोद सिंह मेहता (एसीपी/नंद नगरी) की देखरेख में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम में इंस्पेक्टर योगेंद्र, एटीओ, एएसआई बुधपाल, और अन्य अधिकारियों जैसे एचसी भूपिंदर, एचसी अंकित तोमर, एचसी आशीष, एचसी रविंद्र गिरी, सीटी अंकुर आदि शामिल थे।
टीम ने घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों का बारीकी से विश्लेषण किया और संदिग्धों की पहचान कर उन्हें ट्रैक किया। पुलिस ने बेहद संयम और समझदारी के साथ सभी सबूत इकट्ठा किए और आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की।
आरोपियों की गिरफ्तारी और खुलासा :
टीम की मेहनत के बाद पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनका विवरण इस प्रकार है:
1.हर्ष उर्फ चॉकलेट (उम्र 19 वर्ष)
2.राजीव (उम्र 19 वर्ष)
3.ऋतिक उर्फ भानु (उम्र 22 वर्ष)
4.शिवम उर्फ सीएनजी (उम्र 19 वर्ष)
5.एक सीसीएल “ए” (आयु 17 वर्ष)
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में अपराध को अंजाम देने की बात स्वीकार की और बताया कि हत्या के पीछे व्यक्तिगत रंजिश और आपसी झगड़े का मामला था।
पुलिसकर्मियों की प्रशंसा :
इस मामले को सुलझाने में हर्ष विहार थाना पुलिस की सक्रियता और समर्पण सराहनीय है। टीम ने न केवल घटना स्थल से सबूत जुटाए, बल्कि सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों का भी कुशलता से उपयोग किया। इंस्पेक्टर राजीव कुमार वत्स, एएसआई बुधपाल और उनकी पूरी टीम की सतर्कता और मेहनत ने यह साबित कर दिया कि कानून का लंबा हाथ अपराधियों तक अवश्य पहुंचता है।
निष्कर्ष :
पुलिस की तत्परता और प्रभावी जांच ने यह संदेश दिया है कि कोई भी अपराधी कानून से बच नहीं सकता। यह सफलता न केवल पुलिस की कार्यकुशलता को दर्शाती है, बल्कि जनता के मन में विश्वास पैदा करती है। हर्ष विहार थाने की इस टीम की जितनी प्रशंसा की जाए, वह कम है। ऐसे पुलिसकर्मी समाज की रक्षा के सच्चे प्रहरी हैं।