नॉनवेज प्रेमियों के लिए सरस फूड फेस्टिवल बना स्वाद का केंद्र
1 min readनई दिल्ली । दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सरस फूड फेस्टिवल 2024 का आयोजन 1 दिसंबर से 17 दिसंबर तक किया जा रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस उत्सव में देशभर के 25 राज्यों की 150 महिला उद्यमी और स्वयं सहायता समूह अपनी विशिष्ट पाक-कला का प्रदर्शन कर रही हैं। यह फूड फेस्टिवल खासतौर पर नॉनवेज प्रेमियों के लिए एक अनोखा अनुभव बन गया है। आंध्र प्रदेश के हैदराबादी दम बिरयानी, तेलंगाना के मटन बिरयानी और जम्मू-कश्मीर के विशेष नॉनवेज व्यंजन जैसे कई प्रसिद्ध व्यंजन यहां परोसे जा रहे हैं।
खानपान और संस्कृति का संगम
फूड फेस्टिवल में राजस्थान के दाल बाटी चूरमा और गट्टे की सब्ज़ी से लेकर बंगाल की फिश करी और असम के मशरूम मोमोज जैसे व्यंजन हर किसी को आकर्षित कर रहे हैं। इसके साथ ही केरल की मालाबार बिरयानी और गोवा की फिश करी भी खाने के शौकीनों को अपनी ओर खींच रही हैं।
महिलाओं की कला का प्रदर्शन
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण प्रदान करना है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला समूहों ने फूड फेस्टिवल में अपने पारंपरिक पकवानों के साथ ही अपने राज्य की संस्कृति और कला का भी प्रदर्शन किया है।
खास व्यंजन जो बना रहे आकर्षण का केंद्र
राजस्थान: दाल बाटी चूरमा, प्याज कचौरी
तेलंगाना: हैदराबादी बिरयानी, कबाब
महाराष्ट्र: वड़ा पाव, मिसल पाव
पंजाब: सरसों का साग और मक्के की रोटी
केरल: मालाबार स्नैक, फिश करी
गोवा: गोन फिश करी, प्रॉन फ्राई
परिवार के साथ स्वाद का आनंद
यह उत्सव सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक चलता है और यहां प्रवेश निशुल्क है। लोग अपने परिवार के साथ देशभर के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने और उसकी रेसिपी समझने के लिए बड़ी संख्या में आ रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण का प्रतीक
सरस फूड फेस्टिवल न केवल खानपान का उत्सव है बल्कि यह महिलाओं के हुनर को प्रोत्साहन देने और ग्रामीण उत्पादों को प्रोत्साहित करने का माध्यम भी है।
दिल्लीवालों के लिए खास मौका
यह फूड फेस्टिवल राजधानी के लोगों को देशभर के अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद चखने का अनूठा मौका दे रहा है। यहां आकर लोग न केवल खाना खा सकते हैं, बल्कि अलग-अलग राज्यों की संस्कृति और परंपरा से भी रूबरू हो सकते हैं।