June 1, 2025

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दिल्ली में पत्रकार पर बोरवेल माफिया का जानलेवा हमला, लूट के बाद भी पुलिस ने दर्ज नहीं किया मुकदमा

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स्वदेश प्रेम / दिल्ली

प्रधान संपादक : शान मोहम्मद सिद्दीकी

नई दिल्ली, 23 मार्च 2025 – राजधानी दिल्ली में एक पत्रकार पर जानलेवा हमला और लूट की वारदात सामने आई है। मामला नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के हर्ष विहार इलाके का है, जहां पत्रकार गौरव राय पर बोरवेल माफिया ने लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। हमलावरों ने उनका मोबाइल और जेब में रखे 2000 रुपये भी लूट लिए।

क्या है पूरा मामला?

पत्रकार गौरव राय, जो दिल्ली के प्रताप नगर, सबोली इलाके में रहते हैं, 21 मार्च की शाम करीब 4 बजे अपने घर से मंडोली होते हुए कोयल एनक्लेव की ओर जा रहे थे। रास्ते में प्यास लगने पर जब वे एक दुकान पर पानी पीने रुके, तभी बोरवेल माफिया से जुड़े सुनील, कुलदीप और सुनील का भाई, जो अवैध बोरिंग और समर्सिबल के कारोबार में शामिल बताए जा रहे हैं, ने अपने दो अन्य साथियों के साथ उन पर हमला कर दिया।

गौरव राय के अनुसार, “जैसे ही मैं पानी पी रहा था, अचानक ये लोग आए और कहने लगे, ‘तू हमारी बहुत शिकायत करता है, आज तुझे पत्रकार बनाएंगे। तू हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, हमारे कई बड़े अधिकारियों और नेताओं से संबंध हैं।’ इसके बाद उन्होंने मुझ पर लाठी, डंडों और लोहे की रॉड से हमला कर दिया।”

हमलावरों ने गौरव राय को गंभीर रूप से घायल करने के बाद उनका मोबाइल फोन और 2000 रुपये लूट लिए और उन्हें शिवानी वाटिका के पास फेंककर फरार हो गए।

पुलिस ने नहीं दर्ज की लूट की एफआईआर!

घटना के बाद, एक रिक्शा चालक की मदद से घायल गौरव राय थाना हर्ष विहार पहुंचे। लेकिन पुलिस ने उन्हें अस्पताल ले जाने की बजाय नजरअंदाज कर दिया। बाद में उनके परिजन उन्हें दिल्ली के जीटीबी अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उनके दाहिने पैर में फ्रैक्चर की पुष्टि की और प्लास्टर चढ़ाया।

इसके बाद गौरव राय ने फिर से थाना हर्ष विहार में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की। उन्होंने पुलिस को एमएलसी रिपोर्ट और पूरा घटनाक्रम बताया, लेकिन पुलिस ने सिर्फ मारपीट की धारा में केस दर्ज करने की बात कही। पुलिस ने उनसे कहा कि “हम तुम्हारा मोबाइल और पैसे वापस दिलवा देंगे, लेकिन लूट की शिकायत मत करो।”

जब गौरव राय ने एफआईआर में लूट की धारा जोड़ने की मांग की, तो पुलिस ने उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने 112 नंबर पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई, जिसका कंप्लेंट नंबर 10844915 है।

हालांकि, पुलिस ने 22 मार्च की रात को पीसीआर जीडी नंबर 7A दर्ज कर लिया, लेकिन अभी तक एफआईआर की कॉपी पीड़ित को नहीं दी गई है।

क्या दिल्ली पुलिस पर फिर उठेंगे सवाल?

इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर क्यों पुलिस खुलेआम हुए इस हमले और लूट की वारदात को नजरअंदाज कर रही है? क्या स्थानीय पुलिस माफिया के दबाव में काम कर रही है?

पत्रकार गौरव राय ने पुलिस उपायुक्त (DCP) नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली से न्याय की गुहार लगाई है और मांग की है कि उनके साथ हुई लूट और जानलेवा हमले की निष्पक्ष जांच हो।

पत्रकारों की सुरक्षा पर उठे सवाल

इस घटना से पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। अगर एक पत्रकार पर हमला कर उसे डराने की कोशिश की जा सकती है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या गारंटी है?

अब यह देखना होगा कि दिल्ली पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

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