न्याय की मांग: यमुना विहार संपत्ति विवाद में न्यायालय आदेश की अवहेलना, संबंधित अधिकारियों पर गंभीर आरोप
1 min readनई दिल्ली, 2 जनवरी 2025: यमुना विहार, दिल्ली में संपत्ति संख्या E-2/165 के विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। राष्ट्रीय विधिक अन्वेषण आयोग (NLIC) के दिल्ली राज्य प्रभारी डॉ. अजय कुमार जैन ने न्यायालय आदेश की अवहेलना का आरोप लगाते हुए संबंधित अधिकारियों और संपत्ति पंजीकरण कार्यालय पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
डॉ. जैन ने दावा किया है कि न्यायालय ने पहले ही 4 सितंबर 2024 को स्पष्ट आदेश दिया था कि इस संपत्ति का कोई भी पंजीकरण, खरीद-फरोख्त, निर्माण, या हस्तांतरण बिना न्यायालय की अनुमति के अवैध होगा। इसके बावजूद, संपत्ति का पंजीकरण प्रक्रिया जारी रखी गई, जो न्यायालय के आदेश की खुली अनदेखी को दर्शाता है।
संबंधित दस्तावेज़ों और आरोपों के मुख्य बिंदु:
1. न्यायालय आदेश की अनदेखी: डॉ. जैन का आरोप है कि अधिकारियों ने न्यायालय द्वारा दिए गए स्पष्ट निर्देशों की अवहेलना करते हुए पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी की।
2. अनियमितताएं और लापरवाही: उन्होंने तहसीलदार, एसआर कार्यालय, और अन्य विभागीय अधिकारियों पर जानबूझकर अवैध कार्यों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
3. पिछले मामले: डॉ. जैन ने बताया कि इससे पहले भी इस संपत्ति को लेकर कई शिकायतें दर्ज की गई थीं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया।
4. प्रभावशाली व्यक्तियों की मिलीभगत: उन्होंने आरोप लगाया कि संपत्ति विवाद में कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों और अधिकारियों की मिलीभगत से न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गई।
डॉ. जैन की मांगें:
1. संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को तत्काल रद्द किया जाए।
2. न्यायालय के आदेश का पूरी तरह पालन सुनिश्चित किया जाए।
3. संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जांच और सख्त कार्रवाई की जाए।
4. भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया को मजबूत बनाया जाए।
डॉ. जैन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो वे कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने न्यायालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने की भी गुहार लगाई है।
यह मामला केवल संपत्ति विवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह न्यायपालिका के आदेशों और प्रशासनिक तंत्र के प्रति जवाबदेही के बड़े सवाल उठाता है। अब यह देखना होगा कि सरकार और संबंधित विभाग इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाते हैं।
स्वदेश प्रेम , ब्यूरो
दिल्ली