देखिये संभल मुद्दे पर मजलिस के पूर्व निगम प्रत्याशी सरताज़ अली सैफी का धमाकेदार इन्टरव्यू
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पूर्व नगर निगम प्रत्याशी, वार्ड नंबर 246, श्रीराम कॉलोनी, दिल्ली
प्रश्न 1: सरताज जी, आप लंबे समय से मुस्लिम समुदाय और सामाजिक एकता के लिए काम कर रहे हैं। देश में जो नफरत की राजनीति हो रही है, उस पर आपका क्या कहना है?
उत्तर: आज देश में नफरत की राजनीति अपने चरम पर है। यह राजनीति न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि पूरे देश की एकता और अखंडता को खतरे में डाल रही है। धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांटा जा रहा है, जो हमारे संविधान और देश के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। हमें इस राजनीति के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठानी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि देश में भाईचारा, शांति और विकास की राजनीति हो।
प्रश्न 2: डीसीपी अनुज चौधरी जैसे अधिकारियों के रवैये को आप कैसे देखते हैं?
उत्तर: अनुज चौधरी जैसे अधिकारियों का रवैया बेहद निराशाजनक और भेदभावपूर्ण है। ऐसे अधिकारी कानून के रक्षक होने के बजाय नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने में लगे हैं। मुस्लिम समुदाय को डराने-धमकाने और झूठे मामलों में फँसाने के कई आरोप इन पर लगे हैं। यह प्रशासनिक पक्षपात देश की अखंडता को नुकसान पहुंचा रहा है, और हम इसे सहन नहीं करेंगे।
प्रश्न 3: देश में नफरत की राजनीति को खत्म करने और शांति व विकास के लिए आप क्या कदम उठाएंगे?
उत्तर: सबसे पहले, हमें जनता को जागरूक करना होगा। शिक्षा और जागरूकता ही नफरत की राजनीति का सबसे बड़ा जवाब है। हमें लोगों को उनके अधिकारों और संविधान के प्रति जागरूक करना होगा। इसके साथ ही, हम सामूहिक रूप से हर उस ताकत के खिलाफ लड़ेंगे जो देश को तोड़ने की कोशिश कर रही है। मेरा मानना है कि राजनीति का केंद्र विकास, रोजगार और शिक्षा होना चाहिए, न कि धर्म और जाति।
प्रश्न 4: मुस्लिम समुदाय और देश के युवाओं को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
उत्तर: मेरा संदेश साफ है: डरने की ज़रूरत नहीं है। हमें एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा। संविधान हर भारतीय का सुरक्षा कवच है। हमें अपनी शिक्षा, रोजगार और सामाजिक उत्थान पर ध्यान देना चाहिए। युवाओं को आगे आकर देश की अखंडता और भाईचारे को बनाए रखने के लिए काम करना होगा।
प्रश्न 5: क्या आपको लगता है कि देश की राजनीति को बदलकर नफरत की जगह एकता और विकास की दिशा में लाया जा सकता है?
उत्तर: हां, बिल्कुल! अगर जनता अपनी प्राथमिकताओं को सही दिशा में मोड़े और धर्म व जाति की राजनीति से ऊपर उठकर विकास और शांति पर ध्यान दे, तो देश को नई दिशा दी जा सकती है। हमें अपने नेताओं को जवाबदेह बनाना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि राजनीति का उद्देश्य देश की जनता का कल्याण हो।
अंतिम संदेश:
मैं देश के हर नागरिक से अपील करता हूं कि वे नफरत और बंटवारे की राजनीति को नकारें। यह देश सभी का है, और हमें मिलकर इसकी एकता और अखंडता को बनाए रखना है। भाईचारा और आपसी सम्मान से ही हम भारत को एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र बना सकते हैं।