June 2, 2025

svadeshprem.com

My WordPress Blog

दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई: फर्जी .APK ऐप से साइबर ठगी करने वाला गिरोह गिरफ्तार

1 min read
Spread the love

स्वदेश प्रेम / दिल्ली

प्रधान संपादक : शान मोहम्मद सिद्दीकी

नई दिल्ली। साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने फर्जी .APK ऐप के जरिए लोगों के बैंक खातों से पैसे उड़ा रहे एक साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह ने पूरे देश में सैकड़ों लोगों को ठगा है, जिनमें एक भारतीय सेना के जवान से 1.81 लाख रुपये की ठगी का मामला भी शामिल है।

कैसे करते थे ठगी?

पुलिस जांच में सामने आया कि ये ठग खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों को फोन करते थे और उन्हें उनके क्रेडिट कार्ड या बैंकिंग सेवाओं से जुड़ी समस्याओं का झांसा देते थे। इसके बाद वे पीड़ितों के मोबाइल फोन में एक फर्जी ऐप (.APK) इंस्टॉल करवाते थे। यह ऐप असल में एक मैलवेयर प्रोग्राम होता था, जिससे ठग पीड़ित के फोन तक रिमोट एक्सेस हासिल कर लेते थे और फिर उनके बैंक खातों से पैसे उड़ा लेते थे।

भारतीय सेना के जवान से 1.81 लाख रुपये की ठगी

20 मई 2024 को भारतीय सेना में कार्यरत एक जवान को एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को AU स्मॉल फाइनेंस बैंक का प्रतिनिधि बताया और कहा कि उनके क्रेडिट कार्ड से एक अंतरराष्ट्रीय लेनदेन हो रहा है। कॉलर ने दावा किया कि अगर वह इस लेनदेन को तुरंत नहीं रोकते हैं, तो अगले महीने उनके खाते से 15,000 रुपये कट जाएंगे। ठग ने विश्वास दिलाया कि कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी जाएगी और सिर्फ एक ऐप डाउनलोड करना होगा।

इसके बाद पीड़ित को व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा गया, जिससे उसने एक फर्जी AU बैंक ऐप (.APK) डाउनलोड किया। ऐप इंस्टॉल करते ही ठगों ने पीड़ित के फोन का एक्सेस ले लिया और महज पांच मिनट में 13 लेनदेन कर 1.81 लाख रुपये उड़ा लिए। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर नंबर 75/2024, धारा 420 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

तकनीकी जांच और झारखंड में छापेमारी

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस पूरे मामले की तकनीकी जांच शुरू की। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR), आईपी एड्रेस ट्रेसिंग, और व्हाट्सएप डेटा की जांच में पाया गया कि यह ठगी का नेटवर्क झारखंड के कुख्यात जामताड़ा और दुमका क्षेत्र से ऑपरेट हो रहा था।

इसके बाद पुलिस टीम ने झारखंड के दुमका जिले में छापेमारी की। छापे के दौरान मुख्य आरोपी मुन्ना कुमार बैद्य को गिरफ्तार किया गया। उसने पूछताछ में बताया कि वह इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के जरिए 2,500 रुपये में फर्जी .APK फाइलें खरीदता था। इन फाइलों का 24 घंटे का एक्सेस मिलता था, जिसके बाद वह लोगों को फोन कर ऐप डाउनलोड करवाता और उनके बैंक खातों से पैसे उड़ा लेता।

इसके अलावा गिरोह के दो अन्य सदस्य दिनेश कुमार मंडल और बिपिन कुमार को भी गिरफ्तार किया गया। दिनेश कुमार ठगी के पैसे निकालने और उन्हें गिरोह के बीच बांटने का काम करता था, जबकि बिपिन कुमार ने अपने एचडीएफसी बैंक खाते में ठगी के पैसे जमा करने की सुविधा दी थी।

क्या-क्या हुआ बरामद?

पुलिस ने इस कार्रवाई में छह मोबाइल फोन जब्त किए हैं, जिनमें से एक वह डिवाइस भी शामिल है जिससे ठगी की कॉल की जा रही थी। बरामद मोबाइलों में सैकड़ों क्रेडिट कार्ड धारकों की संवेदनशील जानकारी, मोबाइल नंबर, पैन कार्ड डिटेल, सीवीवी कोड्स और एक्सेल शीट्स मिली हैं।

गिरफ्तार आरोपियों का विवरण:
1. मुन्ना कुमार बैद्य (28 वर्ष) – गिरोह का मास्टरमाइंड, स्नातक, कंप्यूटर और साइबर फ्रॉड में विशेषज्ञ।
2. दिनेश कुमार मंडल (36 वर्ष) – ठगी के पैसे निकालने और बांटने का काम करता था।
3. बिपिन कुमार (23 वर्ष) – गिरोह का सहयोगी, अपने बैंक खाते में ठगी के पैसे जमा करवाता था।

साइबर ठगी से बचने के लिए पुलिस की अपील

दिल्ली पुलिस ने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है और किसी भी अनजान कॉल पर विश्वास न करने की अपील की है। अगर कोई व्यक्ति बैंक अधिकारी बनकर कॉल करता है और ऐप डाउनलोड करने के लिए कहता है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।

अगर आप भी साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

(रिपोर्ट: स्वदेश प्रेम )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.